जैसा कि हम सब जानते हैं की बाइक हमारे लिए कितनी उपयोगी है यह एक ऐसा साधन है जो की दूसरे वाहन की तुलना में आसान है - चलाना भी और खरीदना भी । यह एक आम नागरिक के लिए बहुत अहम भूमिका निभाता है। बड़े-बड़े वाहन को खरीदना आम नागरिक के लिए बहुत ही कठिन होता है परंतु मात्र बाइक है जो हर एक व्यक्ति की जरूरत है इससे वह आसानी से कहीं भी आ जा सकता है और अपने कामों और जरूरत को पूरा कर सकता है । यह आसानी से भीड़ वाले स्थान पर भी ले जाई जा सकती है परंतु इसका उपयोग काफी अधिक होने के कारण बहुत बार कई दुर्घटनाएं हो सकती है इसीलिए इसके बचाव हेतु तथा आर्थिक नुकसान की हानि से बचने के लिए इसका उचित बीमा करवाना अति आवश्यक है ताकि होने वाली दुर्घटना के कारण होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
बेशक आप कितने ही अच्छे चालक हो परंतु दुर्घटनाएं होने के निम्न कारण है- चाहे वह सड़क खराब होने की वजह से हो या सामने वाले व्यक्ति की लापरवाही से, या फिर किसी प्राकृतिक आपदा के कारण । इसीलिए इस नुकसान से बचने के लिए सरकार द्वारा 1988 में बाइक बीमा शुरू किया गया है जिससे वाहन के मालिक को होने वाली दुर्घटना के कारण होने वाले नुकसान के आधार पर भुगतान प्रदान किया जाता है। जिस वजह से वह अपना उपचार करवा सके या अपने वाहन को पूर्ण रूप से ठीक करवा सके और होने वाली शक्ति से बचा जा सके।
दो पहिया वाहन बीमा निम्नलिखित रूप से लाभ प्रदान करती है जैसे की
1. व्यक्तिगत दुर्घटना पर मुआवजा
2. सड़क दुर्घटना के दौरान वाहन को होने वाले नुकसान का मुआवजा
3. बाइक चोरी होने पर मुआवजा
4. आग लगने पर बाइक को नुकसान होने पर मुआवजा
प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के लिए मुआवजा यह समझना अति आवश्यक है की बीमा पॉलिसी बीमा पॉलिसी क्यों लेनी चाहिए इसके भी निम्न कारण है जो नीचे दिए गए हैं -
• यदि किसी भी व्यक्ति ने नई बाइक ली है तो मोटर वाहन अधिनियम के तहत भारत सरकार ने बाइक बीमा पॉलिसी लेना अनिवार्य कर दिया है क्योंकि बिना बाइक बीमा के गाड़ी चलाना कानूनी अपराध बन गया है।
• प्राकृतिक आपदा आने के कारण यदि वाहन को कोई भी नुकसान हो जाता है तो ऐसे समय में बाइक बीमा लाभकारी होता है।
• थर्ड पार्टी में बीमा के साथ दुर्घटना में शामिल दूसरे व्यक्ति को यदि नुकसान हो तो ऐसे में उसे व्यक्ति को मुआवजा देने के लिए यह थर्ड पार्टी बीमा लाभकारी होता है
• सड़कों की खराब स्थिति या अन्य कारण से होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए सरकार द्वारा बीमा पॉलिसी शुरू की गई है जिससे इन परिस्थितियों में धन की हानि ना हो और वाहन की मरम्मत और व्यक्ति को होने वाले नुकसान से चिकित्सा का प्रबंध करवाया जा सके।
आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बाइक बीमा पॉलिसी चुनते समय IDV की भी जरूरत होती है इसका मतलब होता है “ इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू” जिसे हिंदी “असुरक्षित घोषित मूल्य” कहा जाता है । यदि आपकी बाइक चोरी हो जाए या फिर पूरी तरह से टूट जाए तो बीमा कंपनी आपको भुगतान करती है। यदि आप कोई भी बीमा प्लान चुनते हैं तो एक बार इसके बारे में अवश्य सोच ले और बिना किसी समझौते के सही निर्णय ले ।
बाइक बीमा दो प्रकार के होते हैं -
1. थर्ड पार्टी बाइक बीमा -
जैसा की थर्ड पार्टी बाइक बीमा से नाम से ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इसमें तीसरे पक्ष की देनदारी के लिए सुरक्षा प्रदान की जाती है। कई बार तीसरे व्यक्ति को दुर्घटना में चोट लगने पर प्राथमिक उपचार या मृत्यु के मामले में भी मृतक व्यक्ति को मुआवजा दिया जाता है।
2. व्यापक बाइक बीमा -
इस योजना में शर्त के अनुसार यदि प्राकृतिक आपदा के कारण या फिर दुर्घटना के कारण होने वाले नुकसान से बचने हेतु और वाहन को सही कराने हेतु भी भुगतान दिया जाता है यह बीमा थर्ड पार्टी के साथ-साथ है आपकी स्वयं की बाइक को भी नुकसान से बचाता है। बीमा पॉलिसी को रद्द भी कर दिया जाता है इसके भी निम्न कारण है जो कि नीचे दिए गए हैं
1. यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर अपने वाहन को नुकसान पहुंचता है तो ऐसे में बीमा की पॉलिसी को रद्द कर दिया जाता है ।
2. अगर ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस भी ना हो या फिर मान्य न हो तो ऐसे में भी वह बीमा पॉलिसी प्राप्त करने में पीछे रह जाता है ।
3. यातायात के नियमों का पालन न करने पर भी वाहन का मालिक बीमा पॉलिसी प्राप्त नहीं कर सकता ।
4. बीमा पॉलिसी के नियमों और शर्तों का उल्लंघन करने के कारण भी वह व्यक्ति बीमा पॉलिसी प्राप्त नहीं कर पाता।
5. यदि बीमा पॉलिसी समाप्त हो जाए और उसे दोबारा आगे ना करवाया जाए तो बीमा पॉलिसी को रद्द कर दिया जाता है और व्यक्ति बीमा पॉलिसी प्राप्त करने का उत्तरदाई नहीं माना जाता है।
6. बीमा पॉलिसी के समाप्त होने के बाद होने वाले नुकसान पर पॉलिसी अधिकारी वाहन के मालिक को भुगतान प्रदान नहीं करते। बीमा पॉलिसी प्राप्त किए जाने वाले व्यक्ति के पास कुछ दस्तावेज होने आवश्यक है जिसमें से प्रमुख है -
• बाइक का बीमा प्रमाण पत्र
• व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस
• प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र
• पंजीकृत प्रमाण पत्र
संक्षेप में - अंत निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि दो पहिया वाहन बीमा पॉलिसी अति आवश्यक है जिसके कारण दुर्घटना होने पर मरम्मत या नुकसान की भरपाई करने के लिए आपको भारी रकम खर्च करने की चिंता नहीं होती। बाइक बीमा मात्र कानूनी रूप से ही आवश्यक नहीं है बल्कि यह आपके लिए आर्थिक रूप से भी बहुत आवश्यक है।
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